पत्रकारों को दी खनन माफिया ने जान से मारने की धमकी ( सुने ऑडियो रिकोर्डिंग )

पत्रकारों को दी खनन माफिया ने जान से मारने की धमकी,सूचना पर भी प्रशासन मोन,देश के चौथेस्तंभ को दबाने का रचा षड्यंत्र

जनपद बिजनौर में अवैध खनन माफियाओं द्वारा खुले आम गुंडा गर्दी के चलने पर भी प्रशासन मोन सादे हुए हैं, आखिर यह लोग किसकी शेय पर देश के चौथे स्तंभब को दबाने का प्रयास कर रहे हैं,आखिर इसका जिम्मेदार दार कौन, जहाँ एक ओर सरकार देश के चौथे स्तंभ पर अभृता करने वालों पर सजा व जुर्माने की बात करती है वही दूसरी ओर जनपद बिजनौर में आये दीन अवैध खनन करने वालों द्वारा पत्रकारों को आये दिन जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। जिसकी शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नही कीजाती है,जिससे साफ हो जाता है कि देश के चौथे स्तंभ को दबाया जा रहा है, ताके गेर कानूनी कार्य करने वाले आसानी से गैर कानूनी प्रक्रिया को अंजाम देते हुए देश के संविधान व कानून से खिलवाड़ करते रहे जिन को कोई भी देखने वाला नही है, अगर पत्रकार कहीं ऐसे कार्य की कवरेज के लिए जाता है तो उस पर या तो ब्लेक मेलिंग का आरोप या फिर जान से मारने की धमकियां दी जाती है, ऐसा ही एक मामला नजीबाबाद कोटदुआर रोड ग्राम

पर चल रहे खनन का सामने आया है जिसके अवैध कार्यों को लेकर पूर्व में भी एक बड़े चैनल ने समाचार प्रशारित किया था,
जिसपर कोई संतोषजनक कार्यवाही न होने से यह खनन माफिया फिर भी अवैध रूप से कार्य कर कानून से खिलवाड़ करने को अपनी शान मानते नजर आरहे हैं,और खुले आम किसी को भी जानसे मारने की धमकी दे रहे हैं, 2 दिन पूर्व मैं जब खनन माफियाओं द्वारा किये जारहे अवैध कार्य की कवरेज करने के लिए 2 पत्रकार पहुँचे तो उनको खनन माफिया द्वारा फोन करते हुए जान से मारने व गाड़ी के नीचे दबाने की धमकी दी गई जिस की ऑडियो सोशल मीडिया पर जम कर व्यरल हो रही है,वहीँ पीड़ित पत्रकारों ने इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी नजीबाबाद को अवगत कराया और साथ ही नजीबाबाद थाना प्रभारी को शिकायत की लेकिन जब धमकी देने वाले पर स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने कोई कार्यवाही नही तो पीड़ित पत्रकार बिजनौर पहुंचे और पुलिसअधीक्षक को अपना प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई,लेकिन यहाँ पर एक सवालियां निशान यह लगता है कि अवैध खनन की शिकायत पर या खबर के प्रशारित प्रकाशित पर भी किसी अधिकारी नजर उन पर कैसे नही पड़ती आखिर कियों कार्यवाही नही की जाती है, किया प्रशासन किसी राजनीतिक दबाव में है,या फिर हमसाज है,दरअसल जिस तरह से सरकारदेश प्रदेश को गुंडा मुक्त करने का दावा कर रही है,वहीँ दूसरी ओर ऐसे खनन माफिया कानून से खिलवाड़ करते हुए कार्य करने में लगे हैं, ओर साथ ही किसी को भी जान से मारने की धमकी दे डालते हैं, आखिर यह कौन है जिनपर प्रशासन शिकंजा कसने पर विफल हो रहा है,वहीँ अगर बात पत्रकार की जाए तो कहीँ न कहीँ ऐसी घटनाओं में कूछ नटवरलाल पत्रकार भी शामिल रहते हैं, सूत्रों के अनुसार बीती इस घटना में भी एक कलम कार नटवरलाल शामिल है जोकि स्थानीय पत्रकारों का सरदार बताकर खनन माफियाओं से अच्छी खासी रकम ऐंठ ता है ,जिसकी वजह से अच्छे कलमकारों को भी अपने कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है ऐसे कलमकार नटवरलाल की जाँच कर कड़ी कार्यवाही की जाए वहीँ अवैध रूपसे कार्य कर रहे माफियाओं पर भी लगाम लगाना अत्यंत आवश्यक है, ताके कोई भी संविधान या कानून से खिलवाड़ न कर सके सरकार द्वारा चौथे स्तंभ को मजबूत करने के लिए कानून बनाए गए हैं, लेकिन फिर भी जब चाहें कोई भी इनपर ब्लैकमेलिंग का आरोप या फिर अभृता कर जान से मारने की धमकी दे डालता है,प्रशासन को इस पर गम्भीरता से संज्ञान लेना चाहिए,

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