मीडिया जगत से जुड़ी खबरें भेजे,Bhadas2media का whatsapp no - 9411111862

ऐसे फ़ेसबुक से तो दूर की राम-राम ही भली।

 ऐसे फ़ेसबुक से तो दूर की राम-राम ही भली।

फ़ेसबुक की शुरुआत दोस्तों के बीच बिना एक-दूसरे को देखे चैट करने के मक़सद से हुई थी। कुछ बिछड़े दोस्त मिले भी। इसके माध्यम से कुछ छोटे देशों में राजनीतिक उठापटक भी हुई। फिर एलीट क्लास इसे छोड़ कर ट्वीटर पर चला गया। बचे लोगों में से कुछ ने इसका इस्तेमाल अपनी रचनात्मकता बढ़ाने के लिए किया और सफल भी रहे। तो कुछ ने लोकप्रियता के लिए। कुछ लोग यहाँ अपनी बहबूदी हाँकने आए, तो कुछ बुजुर्ग अपने संस्मरण सुनाने। कुछ ने यहाँ धर्म और अध्यात्म की बातें बताईं। अच्छा लगता था।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों से माहौल बिगड़ने लगा है। सम्मानित लोगों की चरित्र हत्या की जाने लगी। हर पाले का पेड यूज़र अपने हीरो को स्थापित करने और दूसरे के नायक को बदनाम करने की कुत्सित चेष्टाएँ करने लगा।हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दूरी बढ़ाने वाली पोस्ट डाली जाने लगी और यह काम दोनों ही पालों के यूज़र ने किया। कुछ ने ग़लत एका दिखाने का रूपक रचा, तो कुछ ने फ़ासला। यह सब काम किया तथाकथित बौद्धिकों ने और निठल्ले लोगों ने। बुद्धिजीवी और समझदार लोग भी इस बयार में बह गए।
किसी भी व्यक्ति की गरिमा व निजता की परवाह किए बिना उसे अपने पाले में घसीटने की कुचेष्टा भी ग़लत है। लोग यहाँ अजीब सवाल करते हैं, आपने अमुक विषय पर क्यों नहीं लिखा? अमुक जगह क्यों नहीं गए? अगर उनके मुताबिक़ नहीं चले तो या तो वे आपको पिलपिले संतरे बता देंगे या सोनिया-प्रियंका-राहुल के चंपू! अजब है, आपका फ़ैसला! लेना एक न देना दो, खामखाँ में घुसे पड़े हैं। ऐसे लोगों से ख़ुदा बचाए! आप यह ज़ोर मेनस्ट्रीम मीडिया पर डाल सकते हैं, क्योंकि उस मीडिया हाउस की एक विधिक बाध्यता भी आपके प्रति है। सरकार उस मीडिया हाउस और उसके पत्रकारों को बहुत-सी रियायतें देती है। इनमें सस्ती ज़मीन से लेकर और बहुत सारी छूट शामिल है। इसलिए उस पर दबाव डाल सकते हैं। लेकिन फ़ेसबुक पर लिखने वालों को गुंडों-मवालियों और पुलिस का भी ख़ौफ़ रहता है। और यहाँ मिलना धेला नहीं। यहाँ जो आपके प्रिय लेखक हैं, उन्हीं पर जो फ़ेसबुकिए गुंडे हमला करते हैं या उनकी निजता पर अतिक्रमण करते हैं, तब कोई कहने नहीं आता, कि मियाँ तुम झूठ बोल रहे हो।
ऐसे फ़ेसबुक से तो दूर की राम-राम ही भली।

शम्भुनाथ शुक्ला 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *