इसी प्रकार का एक मसलहा श्रीगंगानगर में भी हुआ।हर साल स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस और अन्य अवसरों पर क्षेत्र में पत्रकारों व समाज सेवी, प्रबुद्ध जनो को सम्मानित किया जाता है और अक्सर किया भी जा रहा है लेकिन एक बार हम और हमारी टीम के कुछ सदस्यों के नाम लिस्ट में जाने लगे तब कुछ लोगों ने आपस में चर्चा करि और पूरी लिस्ट तैयार करने के नई बनी जिसमें सिर्फ़ उन लोगों के नाम नजर आए जिन्हें हम अक्सर ख़बर बनाने के दौरान किसी के अनुसार और किसी के सानिध्य में काम करते हुए देखते थे।पत्रकारिता में चाटूकारिता का चोली दामन का साथ होता जा रहा है जो पत्रकारिता की अस्मिता के साथ खिलवाड़ है और अगर क्रांतिकारी बदलाव नहीं आया तो निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले पत्रकार को चौराहे पर जनता ख़ुद फाँसी दे दिया करेगी।।अगर पत्रकारिता की अस्मिता बरकरार रहेगी तो उसके लिए स्वच्छता की आवश्यकता पड़ेगी।स्वच्छता अभियान में अनेकों प्रकार की शुद्धि करना आपेक्षित है कुछ वो भी साफ किए जाएं जो लोक सेवक व राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के अनुसार ही लिखते हैं और चाटूकारिता में इतना खो जाते हैं कि भूल ही जाते हैं कि जनता के प्रति प्रेस का दायित्व है!भूल ही जाते हैं कि उनके लिखे शब्दों का जन सामान्य पर क्या असर पड़ेगा!भूल ही जाते हैं कि उनकी चाटूकारिता से किसी को कितना बड़ा नुकसान होगा!!अक्सर लोग चाटूकार चुनने लगे हैं पत्रकार नहीं!!!
पत्रकार मंगत
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