ख़त्म हुई फोटो जर्नलिस्ट पारी की ज़िन्दगी की पारी
आज रात दादा मियां की मजार क़ब्रिस्तान में होंगे सुपुर्द-ए-खाक
लखनऊ के हरदिल अज़ीज़ फोटो जर्नलिस्ट सैयद माजिद पारी का इंतेकाल (मृत्यु) हो गया। वो काफी दिनों से ब्रेन कैंसर के मर्ज से पीड़ित थे। आज रात लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित दादा मियां की मज़ार के निकट क़ब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। क़रीब तीन दशक से पारी बतौर फोटोजर्नलिस्ट पत्रकारिता के पेशे में सक्रिय थे। वो वाइस ऑफ लखनऊ में कार्यरत थे। मीडिया बिरादरी के दुख-सुख के साथी पारी बतौर पत्रकार नेता जरुरतमंद की हर ज़रुरत पर हाज़िर हो जाते थे। शासन-सत्ता से मीडियाकर्मी के हक़ की लड़ाई में भी वो आगे रहते थे। लखनऊ फोटो जर्नलिस्ट क्लब नाम के मीडिया संगठन के वो फाउंडर थे।
छायाकारों में ही नहीं ख़बरनवीसों और हर मीडियाकर्मी के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे। क़ाबीलेतारीफ बात ये है कि उनका आचरण व्यवहार और खूबी ये थी कि बरसों के साथ के बाद भी उनके चाहने वाले भी उनके मजहब को नहीं समझ पाए थे। ज़िन्दगी भर तक पत्रकारिता और इंसानियत का धर्म निभाने वाले पारी को ज्यादातर लोग सिर्फ पारी के नाम से जानते थे।
कई लोग ऐसे हैं कि जिन्हें इंतेकाल के बाद आज पता चल रहा है कि जर्नलिस्ट पारी का पूरा नाम सैयद माजिद पारी था, वो मुसलमान थे और उनका इस्लाम धर्म से तालुक था।
ख़िराजेअक़ीदत/ श्रद्धांजलि
– नवेद शिकोह