मेरी बात…
- महावीर रवांल्टा
अस्कोट -आराकोट अभियान -2024 का दल 4 जुलाई 2024 को मेरे आमंत्रण पर हमारे गांव महरगांव पहुंचा। भारी बारिश के बावजूद सब ठीक रहा। पद्मश्री डॉ. शेखर पाठक की अगुवाई में चल रहे दल का गांव मे तिलक लगाकर व ‘केदारपातरी’ भेंटकर स्वागत किया गया, फिर उनका शाल ओढ़ाकर सम्मान और अभियान दल को अभिनंदन पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
बिजली गुल रहने व भारी बारिश के बीच जलपान फिर भोजन। रात्रि विश्राम, स्वागत, भोजन व्यवस्था में अपने ग्राम्यजनों का सदैव की तरह अविस्मरणीय सहयोग मिला।प्रातः सूक्ष्म जलपान के बाद अभियान दल द्वारा ‘हिमांतर’ पत्रिका के रवांल्टी कविता विशेषांक व लोककथा संग्रह ‘चल मेरी ढोलक ठुमक ठुम’ का लोकार्पण किया गया और हमें उनकी ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
अभियान दल की आत्मीयता से बेहद अभिभूत हूं। 7 जुलाई 2024 को आराकोट में अभियान दल के साथ रहने का भी सुयोग बना और आखिर में अटल उत्कृष्ट राजकीय आदर्श इंटर कालेज में आयोजित समापन समारोह में भी उपस्थिति का सौभाग्य मिला। इस अवसर पर बच्चों के कार्यक्रम के साथ ही डॉ. सुवर्ण रावत द्वारा डॉ. शेखर पाठक की कृति ‘हरी भरी उम्मीद’ पर आधारित बंगाणी लघु नाटक ‘चिपको’ का मंचन भी हुआ।
इसमें मुझे ब्रोशर व मंच प्रबंधन का जिम्मा निभाने का अवसर मिला। मेरे बाल एकांकी संग्रह ‘गोलू पढेगा’ का भी इस अवसर अभियान दल द्वारा लोकार्पण किया गया। ग्राम्यजनों और कालेज परिवार से मिली आत्मीयता और सहयोग के लिए अभिभूत हूं और उनका हृदय से आभार। इस अभियान दल में शामिल सदस्यों से हुई मुलाकात ने निश्चित रुप से मेरे लिए अस्कोट-आराकोट अभियान-2024 को एकदम खास बना दिया। सुखद संयोग यह भी रहा है कि राजकीय सेवा में पहली नियुक्ति अस्कोट और अब आराकोट में सेवा दे रहा हूं।