नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आइएनएक्स मीडिया मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार कीर्ति चिदम्बरम की सुरक्षा के सम्बन्ध में फैसले पर विवादास्पद टिप्पणी करने पर तमिलनाडु की वीकली मैगजीन ‘‘तुगलक’’ के एडिटर स्वामीनाथन गुरुमूर्ति के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांगी और न्यायमूर्ति पीएस तेजी ने सम्पादक एस.गुरुमूर्ति से जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि गुरुमूर्ति ने फैसले के बाद न्यायमूर्ति एस.मुरलीधर और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम के रिश्तों को लेकर विवादास्पद टवीट किया था।
जानकारी के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट ने बीती 09 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व वित्तमंत्री के पुत्र कीर्ति को अन्तरिम राहत प्रदान करते हुए 20 मार्च तक उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। जबकि एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कीर्ति की याचिका को हाईकोर्ट स्थानान्तरित किया था। कीर्ति ने जांच एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ जारी सम्मन को निरस्त करने की मांग की थी। याचिका पर सुनवाई के बाद गुरुमूर्ति ने टवचीट किया कि ‘सच है कि आज न्यायमूर्ति मुरलीधर ने कीर्ति चिदम्बरम का फैसला किया जो कि पी चिदम्बरम के जूनियर रह चुके हैं।’ इसके फौरन बाद उन्होंने एक और टवीट किया कि ‘यह दुख की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को कीर्ति मामले को तुरन्त सुनने को कहा कि उन्हें संरक्षित करना है। हाईकोर्ट ने उन्हें संरक्षित रखा, यह अपराधियों के लिए एक द्वार खोलता है- कांग्रेस इसकी प्रमुख लाभकारी है।’
विवादों में घिरने के बाद हालांकि एस. गुरुमूर्ति ने टवीट को डिलीट कर दिया था।
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