
मीडिया की संवेदनहीनता पर उठे सवाल: सोनम रघुवंशी मामले में चैनलों की कवरेज पर हो रही कड़ी आलोचना
नई दिल्ली, 11 जून 2025 — देश का टीवी मीडिया एक बार फिर अपनी पत्रकारिता की गिरती साख को लेकर कटघरे में है। ताज़ा मामला सोनम रघुवंशी से जुड़ा है, जिसकी निजी त्रासदी को तमाशा बनाकर परोसे जाने पर मीडिया संस्थानों की तीखी आलोचना हो रही है।
सोनम पर अपने पति की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है, लेकिन इस मामले की रिपोर्टिंग में कई चैनलों ने पत्रकारिता की मर्यादा को ताक पर रख दिया है। कुछ चैनल्स सोनम की मां तक जा पहुंचे हैं — कोई उन्हें स्टूडियो डिबेट्स में बुला रहा है, तो कोई उनके घर के बाहर माइक थमाकर सनसनीखेज सवाल दाग रहा है।
सोशल मीडिया पर इसका भारी विरोध देखने को मिल रहा है। पत्रकारिता में संवेदनशीलता की कमी और ‘टीआरपी के लिए कुछ भी’ की प्रवृत्ति को लेकर यूज़र्स ने गहरी नाराज़गी जताई है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #MediaTrial और #TRPJournalism ट्रेंड कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी आरोपी को दोषी सिद्ध करने का अधिकार सिर्फ न्यायपालिका को है, लेकिन टीवी चैनलों की जल्दबाज़ी और सनसनीखेज रवैया न सिर्फ नैतिकता के खिलाफ है, बल्कि यह सामाजिक संवेदना को भी आघात पहुंचाता है।