
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप (36) के लापता होने की गुत्थी अब और गहरी हो गई है। करीब 10 दिन पहले रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हुए राजीव का शव रविवार को SDRF की टीम ने जोशीयाड़ा बैराज से बरामद किया।
राजीव प्रताप, पुत्र श्री मुरारी लाल, मूल निवासी पनौत ब्रह्मखाल, अचानक लापता हो गए थे। 19 सितंबर को उनकी कार गंगोरी क्षेत्र में नदी के किनारे संदिग्ध हालात में मिली थी। तभी से उनके परिजन और परिचित इस घटना को लेकर संदेह जता रहे थे।
परिजनों का आरोप है कि यह महज डूबने की घटना नहीं हो सकती। वे इसे साजिश मान रहे हैं और पुलिस जांच की दिशा पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक किसी भी नतीजे पर न पहुँचने की बात कही है।
स्थानीय पत्रकार संगठनों ने भी इस घटना की पारदर्शी जांच की मांग की है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि राजीव की मौत हादसा है या हत्या?