
गाजियाबाद:- गाजियाबाद में आजकल फर्जी पत्रकारों का बोलबाला है। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद को ऐसे फर्जी पत्रकारों का सत्यापन करवा लेना चाहिए। आजकल आम बात है कि गाजियाबाद में फर्जी पत्रकार लगातार उगाही करने में वस्त है। न जाने क्यों पुलिस ऐसे फर्जी तथाकथित पर पत्रकारों पर क्यों मेहरबान है..?
गाजियाबाद में एक अपराधी किस्म का इंसान पत्रकार बन लगातार पत्रकारिता की आड़ में आम जनता को लूटने में लगा है। ये फर्जी पत्रकार सिंधबाज खान गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके से रहता है। चरस, गांजा ओर शराब की तस्करी करने वालों से उनके जुर्म छुपाने के नाम पर उनसे मोटी रकम लेता है। अगर कोई अपराधी उसे पैसे देने से मना करता हैं तो उसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालकर अवैध दवाब बनाता है। फिर एक पोस्ट को डिलीट करवाने के नाम पर 20 हजार रुपए तक वसूल लेता है। जानकारी के मुताबिक इसका एक गैंग है। जिसमें 5-10 लोग पत्रकार बने बैठे है। जिसका काम लोगों से पुलिस कारवाई न करवाने के नाम से पैसा लूटना है। अब ऐसे में दो सवाल खड़े होते है।
पहला क्या गाजियाबाद पुलिस भी अब ऐसे लुटेरों के दबाव में काम कर रही है…?
दूसरा सवाल क्या गाजियाबाद पुलिस भी ऐसे फर्जी पत्रकारों को आगे कर अपना उल्लू सीधा करने में लगी है।
अब अगर गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट सही में अच्छी जांच करे तो हो सकता है गाजियाबाद शहर से फर्जी पत्रकारों के आतंक से साथ साथ ये अवैध धंधा कर युवाओं की नशों में जहर घोलने वाले भी गाजियाबाद से साफ हो जायेगें।
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