
ANI ने यूट्यूबर मोहक मंगल, कुणाल कामरा और मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा
समाचार एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) ने यूट्यूबर मोहक मंगल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस मामले में हास्य कलाकार कुणाल कामरा और Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को भी प्रतिवादी बनाया गया है, जिन्होंने कथित रूप से विवादित वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा किया था।
क्या है मामला?
ANI द्वारा यह मुकदमा वकील अक्षित मागो के माध्यम से दायर किया गया है और इसकी सुनवाई 29 मई को होने की संभावना है। यूट्यूबर मोहक मंगल ने 25 मई को एक वीडियो प्रकाशित किया था जिसमें ANI पर ब्लैकमेलिंग और उगाही के गंभीर आरोप लगाए गए थे। मंगल का दावा है कि ANI ने उनके यूट्यूब चैनल पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाई और फिर एक प्रतिनिधि के माध्यम से ₹40 लाख से अधिक की मांग की गई, ताकि वीडियो से स्ट्राइक्स हटाई जा सकें।
मंगल का कहना है कि उन्होंने ANI के वीडियो अंशों का उपयोग समीक्षा और पत्रकारिता के उद्देश्य से किया था, जबकि ANI ने इसे कॉपीराइट उल्लंघन बताते हुए बदनाम करने की साजिश करार दिया है।ANI ने याचिका में कहा है कि विवादित वीडियो उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने और उनके पंजीकृत ट्रेडमार्क का दुरुपयोग करने के उद्देश्य से बनाया गया है। ANI का यह भी आरोप है कि मोहक मंगल ने स्वयं स्वीकार किया है कि उन्होंने एजेंसी के मूल वीडियो का उपयोग अपने यूट्यूब चैनल की आय बढ़ाने के लिए किया, और इसके बावजूद एजेंसी के खिलाफ “झूठे और मानहानिपूर्ण” आरोप लगाए।
अन्य प्रतिवादियों पर आरोप
ANI की याचिका में यह भी कहा गया है कि कुणाल कामरा, मोहम्मद जुबैर और अन्य ने न केवल इस वीडियो को साझा किया, बल्कि स्वतंत्र रूप से भी ANI और उसके संस्थापकों के खिलाफ “झूठे और दुर्भावनापूर्ण” बयान दिए, जिनका कोई ठोस तथ्यात्मक या कानूनी आधार नहीं था।
क्या राहत मांग रहा है ANI?
एजेंसी ने मोहक मंगल के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा की मांग की है, जिसमें:
विवादित वीडियो को हटाने,
ANI के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल बंद करने,
और भविष्य में कोई भी भ्रामक या मानहानिपूर्ण सामग्री प्रकाशित न करने की शर्तें शामिल हैं।
इसी प्रकार का प्रतिबंध कुणाल कामरा, मोहम्मद जुबैर और अन्य पर भी लगाने की मांग की गई है।
एक व्यापक बहस की शुरुआत?
यह मामला अब पत्रकारिता बनाम डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के बीच टकराव के बड़े संदर्भ में देखा जा रहा है। जहां एक ओर कॉपीराइट और ब्रांड की रक्षा का मुद्दा है, वहीं दूसरी ओर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल मीडिया की सीमाओं को लेकर एक नई बहस की शुरुआत हो सकती है।