महिला प्रधान से 20 हजार मांग रहा था फर्जी पत्रकार, गाजीपुर पुलिस ने पकड़ा
कई वर्षों से खुद को पत्रकार बताकर लोगों को धमकाने और मोटी रकम वसूलने वाले तथाकथित पत्रकार अमित उपाध्याय की इस बार कलई खुल गई। झूठी खबरें और वीडियो का डर दिखाकर लोगों से पैसे ऐंठने वाला यह शातिर इस बार अपने ही थाना क्षेत्र में बुरी तरह फंस गया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
घटना करंडा थाना क्षेत्र के सुगापुर गांव की है, जहां की मौजूदा महिला प्रधान ज्योति देवी (पत्नी ओमप्रकाश) के पंचायत कार्यों की जांच के बहाने अमित उपाध्याय उनके घर पहुंचा। वहां उसने सीधे-सीधे 20,000 रुपये की मांग कर डाली। जब प्रधान पक्ष ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो उसने फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें फर्जी जांच और जेल भेजने की धमकी दी।
27 जून को आरोपी ने जबरन ₹1,000 वसूल लिए और खुद ही उस दौरान का वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया ताकि आगे और रकम वसूलने के लिए प्रधान पक्ष को ब्लैकमेल कर सके। इसके बाद 7 जुलाई की सुबह, वह एक अज्ञात व्यक्ति के साथ फिर पीड़ित के घर पहुंचा और बाकी 19,000 रुपये की मांग करने लगा। न देने पर उसने गंभीर परिणाम भुगतने, अंग-भंग और हत्या तक की धमकी दे डाली।
पीड़ित ओमप्रकाश ने साहस दिखाते हुए करंडा थाने में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 308(5) और 351(3) के तहत एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच शुरू कर दी।
पुराना है फर्जी पत्रकारिता का खेल
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, अमित उपाध्याय का ऐसा आचरण कोई पहली बार सामने नहीं आया है। उसके खिलाफ पहले भी कई बार विभिन्न थानों में शिकायतें और प्रार्थना पत्र दिए जा चुके हैं। वह लंबे समय से पत्रकारिता की आड़ में प्रधानों, ठेकेदारों और जनप्रतिनिधियों से अवैध वसूली करता रहा है।
कई बार तो भीड़ के हत्थे भी चढ़ चुका है और पिटाई भी खा चुका है, लेकिन हर बार किसी न किसी बहाने या सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर बच निकलता था।
इस बार मामला अपने ही थाना क्षेत्र की महिला प्रधान से जुड़ा हुआ होने और ठोस वीडियो सबूतों के कारण उसके खिलाफ मजबूत केस बन गया है।
गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे फर्जी पत्रकारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह आम जनता को डराने-धमकाने की हिम्मत न कर सके।