
न्यूज़ इंडिया 24×7 चैनल से जुड़ी एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। चैनल में अंदरूनी अस्थिरता और संपादकीय मतभेद के बीच वरिष्ठ पत्रकार अरविंद चतुर्वेदी को एडिटर-इन-चीफ़ के पद पर नियुक्त कर दिया गया है।
हालांकि चैनल के करीबी माने जाने वाले पोर्टल भड़ास2मीडिया ने पहले ही उनकी नियुक्ति की संभावना जताई थी, लेकिन जिस तरह से यह बदलाव अचानक और बिना आधिकारिक प्रेस नोट के किया गया, उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
चुपचाप विदा किए गए डॉ. चंद्रसेन वर्मा
हाल ही में चैनल के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ. चंद्रसेन वर्मा की ‘चुपचाप विदाई’ की खबरें भी सुर्खियों में थीं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि संपादकीय नीतियों को लेकर लंबे समय से मतभेद चल रहे थे। चैनल प्रबंधन और वर्मा के बीच तनातनी इस हद तक बढ़ गई थी कि उनकी विदाई रातों-रात कर दी गई।
चैनल में गुटबाज़ी?
सूत्रों के अनुसार, चैनल के भीतर दो प्रमुख गुट बन गए थे — एक जो वर्मा के साथ था, और दूसरा जो अरविंद चतुर्वेदी को लाने के पक्ष में था। अब जब चतुर्वेदी जी को औपचारिक रूप से चेयरमैन शैलेन्द्र शर्मा ने कमान सौंपी है, तो पुराने कर्मचारियों के असंतोष की खबरें भी सामने आने लगी हैं।
क्या चतुर्वेदी ला पाएंगे स्थिरता?
अरविंद चतुर्वेदी एक अनुभवी और सिद्धहस्त पत्रकार माने जाते हैं, लेकिन क्या वह चैनल में बनी अंदरूनी खाई को भर पाएंगे? क्या उनका नेतृत्व चैनल को टीआरपी की दौड़ में ऊपर ले जा पाएगा, या यह महज़ एक और प्रबंधन प्रयोग बनकर रह जाएगा?
मीडिया विश्लेषकों की राय
मीडिया विशेषज्ञों का मानना है कि “चैनल में जिस तरह से लगातार संपादकीय चेहरों को बदला जा रहा है, वह न्यूज़ इंडिया 24×7 की ब्रांड वैल्यू और दर्शक विश्वास को नुकसान पहुंचा सकता है।”
निष्कर्ष:
चैनल की साख और स्थिरता अब पूरी तरह अरविंद चतुर्वेदी के नेतृत्व पर टिकी है। लेकिन जिस माहौल में यह नियुक्ति हुई है, वह खुद इस बदलाव की पारदर्शिता और मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है।