
उत्तर प्रदेश के कानपुर से संचालित एक स्थानीय न्यूज़ चैनल ‘के न्यूज’ इन दिनों अपने रिपोर्टरों के साथ व्यवहार को लेकर विवादों में है। चैनल से जुड़े कुछ रिपोर्टरों ने आरोप लगाया है कि संस्थान में अब संवाददाताओं की समस्याओं को समझने के बजाय एकतरफा फैसले और दबाव की नीति अपनाई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, जब से चैनल के संचालन में एक वरिष्ठ अधिकारी की भूमिका सक्रिय हुई है, तब से कई रिपोर्टरों को व्यक्तिगत सहायक की तरह ट्रीट किया जा रहा है। रिपोर्टरों का आरोप है कि उन्हें मूलभूत मानवीय परिस्थितियों की अनदेखी करते हुए अनियंत्रित टारगेट दिए जा रहे हैं, और समय पर रिपोर्ट न दे पाने की स्थिति में बिना किसी स्पष्ट कारण के टीम से बाहर कर दिया जाता है।
एक रिपोर्टर की आपबीती
एक वरिष्ठ फील्ड रिपोर्टर ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि छह महीनों के भीतर दो बार निजी संकट झेलने के कारण वह कुछ समय के लिए काम से दूर रहे। जैसे ही उन्होंने काम पर वापसी की, उन्हें एक ही दिन में दो ग्राउंड स्टोरीज़ कवर करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने पहली स्टोरी समय पर पूरी कर दी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सभी आधिकारिक ग्रुपों से हटा दिया गया।
व्यवस्थित निकाला जाना?
यह केवल एक रिपोर्टर की बात नहीं है। रिपोर्टों के अनुसार, यूपी के कई जिलों में कार्यरत फील्ड रिपोर्टरों को बिना स्पष्ट कारण हटाया गया है। हटाए गए संवाददाताओं का कहना है कि जब उन्होंने चैनल के वरिष्ठ प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की, तो फोन कॉल्स को नज़रअंदाज़ किया गया और कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया गया।
क्या संवाददाता अब सिर्फ लक्ष्य-पूर्ति की मशीन हैं?
मीडिया विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह स्थिति सही है, तो यह न केवल पत्रकारों के मनोबल को प्रभावित करती है, बल्कि ग्राउंड रिपोर्टिंग की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर डाल सकती है। कई स्वतंत्र पत्रकार संगठन इस बात की वकालत करते रहे हैं कि मीडिया संस्थानों को संवाददाताओं के अधिकारों, समय, और मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।
प्रबंधन की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल चैनल प्रबंधन की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। रिपोर्टरों और स्थानीय पत्रकार संगठनों ने मांग की है कि चैनल पारदर्शिता के साथ संवाद स्थापित करे और फील्ड टीमों के हितों का सम्मान करते हुए कार्य संस्कृति को दुरुस्त करे।
आपकी कोई भी बात, देश में पत्रकारों से सम्बंधित खबर, सूचनाएं, किसी भी खबर पर अपना पक्ष, अगर कोई लीगल नोटिस है मेल के जरिए भेजे bhadas2medias@gmail.com