
नई दिल्ली — देशभर के युवाओं को सालों तक यह समझाने वाले सुधीर चौधरी अब खुद उस रास्ते पर चल पड़े हैं, जिससे वे दूसरों को दूर रहने की सलाह देते रहे। जी हाँ, वही सुधीर चौधरी, जो ज़ी न्यूज़ के चर्चित शो डीएनए (डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस) में बार-बार देश के नौजवानों को “सरकारी नौकरी के मोह” से बाहर निकलने की सलाह देते थे, अब खुद सरकारी व्यवस्था का हिस्सा बन गए हैं।
देखे वीडियो क्या कहते थे सुधीर?
अपने डीएनए शो में सुधीर चौधरी अकसर कहते थे:
“सरकारी नौकरी के पीछे भागने से बेहतर है कि युवा प्राइवेट सेक्टर में आत्मनिर्भरता और इनोवेशन को अपनाएं।”
उनका यह संदेश खासकर UPSC, SSC, रेलवे जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच खूब चर्चा में रहता था।
लेकिन अब क्या हुआ?
अब जब खबर आई कि सुधीर चौधरी को केंद्र सरकार की ओर से एक अहम मीडिया सलाहकार भूमिका में नियुक्त किया गया है, तो सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। लोगों ने कहा,
“भइया खुद तो पहुंच गए सरकारी कुर्सी पर, और हमें भेज रहे थे कॉरपोरेट की चक्की में!”
जनता की प्रतिक्रिया
ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर कई यूट्यूबर और सामान्य लोग इस बात पर तंज कसते दिखे। एक यूज़र ने लिखा:
“भैया एंकर-एंकरनियों की बातों में आ गए होते तो आज भी कॉन्टेंट राइटर होते, लेकिन सुधीर जी तो अब सरकारी सलाहकार हैं!”
क्या यह विरोधाभास है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि मीडिया की भूमिका जनमत को प्रभावित करने की होती है। लेकिन जब वही लोग, जिनकी बातों को आधार मानकर लाखों युवा अपने करियर की दिशा तय करते हैं, खुद बिल्कुल विपरीत रास्ता चुनते हैं, तो यह नैतिक सवाल खड़े करता है।
निष्कर्ष:
सुधीर चौधरी का सरकारी भूमिका में जाना कोई अपराध नहीं, लेकिन यह जरूर दर्शाता है कि जो उपदेश मंच से दिए जाते हैं, उनका पालन मंच के बाहर नहीं हमेशा होता।
देश के युवाओं को अब शायद खुद निर्णय लेने की ज़रूरत है – ना कि किसी टीवी स्क्रीन पर बैठे एंकर के आदर्शों से प्रभावित होकर।