सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक एआई जनरेटेड वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है, जिसकी अवधि लगभग एक मिनट से कुछ अधिक है। यह वीडियो डिजिटल व्यंग्य का एक उदाहरण है, जो हाल ही में अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के बाद की मीडिया कवरेज पर तीखी टिप्पणी करता है।
वीडियो में एक मंकी अवतार में एक मठाधीश जैसी आभासी आकृति दिख रही है, जो हास्य और कटाक्ष के मिश्रण के साथ दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के बीच “भगवद गीता” के जलने या न जलने के मुद्दे पर पत्रकारों द्वारा दिए गए बयानों पर तंज कस रही है। यह सीधा संकेत है उस चर्चा की ओर, जिसमें एक न्यूज एंकर ने विमान हादसे के बाद यह सवाल उठाया था कि “क्या गीता की प्रतियां सुरक्षित रहीं?”
वीडियो में यह पूरा दृश्य AI तकनीक की मदद से तैयार किया गया है, लेकिन इसकी भाषा और व्यंग्य में मीडिया की उस प्रवृत्ति की आलोचना की गई है जिसमें मानवीय त्रासदियों को धार्मिक चश्मे से देखा जाता है।
यह एआइ की पंडिताई जल्द मीडिया और राजनीति के ढेर पोलखोल वीडियो वायरल कर देगी; और तो और, असल प्रवचनकर्ता भी इनकी चपेट में होंगे! pic.twitter.com/t5q7oDmBch
— Om Thanvi | ओम थानवी (@omthanvi) June 25, 2025
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने यह वीडियो साझा करते हुए एक तीखा कमेंट भी किया। उन्होंने लिखा:
“यह एआई की पंडिताई जल्द मीडिया और राजनीति के ढेर पोलखोल वीडियो वायरल कर देगी; और तो और, असल प्रवचनकर्ता भी इनकी चपेट में होंगे!”
यह घटना एक बार फिर उस बहस को हवा देती है कि एआई और व्यंग्यात्मक कंटेंट के माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किस हद तक जा सकती है, और क्या यह पारंपरिक मीडिया के लिए एक चेतावनी संकेत बनकर उभर रही है?