देहरादून: प्राथमिक शिक्षा निदेशक और महिला पत्रकार के बीच झगड़ा, वीडियो वायरल — दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
देहरादून में शिक्षा निदेशालय के भीतर सोमवार को उस समय हंगामा मच गया जब उत्तराखंड के प्राथमिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल और एक महिला पत्रकार के बीच कहासुनी बढ़कर हाथापाई में बदल गई। इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें नौडियाल को गुस्से में महिला का मोबाइल फोन छीनते हुए देखा जा सकता है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक और महिला पत्रकार के बीच झगड़ा, वीडियो वायरल pic.twitter.com/ELTrFtG7uM
— bhadas2media (@bhadas2media) November 7, 2025
📸 वीडियो में क्या दिखा
करीब 57 सेकेंड के वीडियो में अजय कुमार नौडियाल गुस्से में दिखाई दे रहे हैं। वह उंगली उठाते हुए महिला पत्रकार के पास पहुंचते हैं और उसका फोन छीन लेते हैं। महिला तुरंत उनकी वास्केट पकड़ लेती है, जबकि नौडियाल फोन अपने साथ खड़े व्यक्ति को पकड़ा देते हैं।
इसी बीच महिला कहती है, “हम प्रेस से हैं।”
लोग दोनों को अलग करने की कोशिश करते हैं, लेकिन विवाद बढ़ता जाता है।
थोड़ी देर बाद नौडियाल उस युवक की ओर बढ़ते हैं जो वीडियो बना रहा था और उसका फोन छीनने की कोशिश करते हैं। महिला पत्रकार बार-बार कहती है, “वीडियो बनाओ, वीडियो बनाओ।”
आसपास मौजूद लोग किसी तरह दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश करते हैं।
इस दौरान वहां मौजूद राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संयोजक शिव प्रसाद नौडियाल पर भड़क जाते हैं और कहते हैं —
“डायरेक्टर हो या बदतमीज हो? हाथ उठाओगे क्या?”
इसके जवाब में नौडियाल कहते हैं, “तुम हो बदतमीज।”
इसी बीच महिला लगातार दोहराती रहती है कि “प्रेस वालों पर हाथ उठाया गया है।”
क्यों हुआ विवाद – डीएलएड प्रशिक्षुओं की भर्ती को लेकर तनाव
दरअसल, हाल ही में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने 2 नवंबर को राज्य में 1649 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी। इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर कुछ डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) प्रशिक्षुओं और उनके अभिभावकों में नाराजगी है।
इनका कहना है कि सत्र 2021-22 के प्रशिक्षुओं की परीक्षा अभी नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित है, और अगर भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू हो गई तो वे सिर्फ दो हफ्ते की देरी के कारण इस भर्ती से वंचित रह जाएंगे।
इसी मुद्दे को लेकर प्रशिक्षु और उनके पेरेंट्स सोमवार को निदेशालय पहुंचे थे।
🧾 डायरेक्टर ने दी सफाई – “कार्यालय में घुसकर हंगामा किया गया”
डायरेक्टर अजय कुमार नौडियाल ने इस घटना को लेकर विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक को पत्र लिखा है।
पत्र में उन्होंने कहा कि लगभग 250-300 डीएलएड प्रशिक्षु और उनके पेरेंट्स बिना अनुमति के कार्यालय परिसर में घुस आए और हंगामा करने लगे।
उनके अनुसार,
“हमने पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन कुछ लोग बाहर वीडियो बनाने लगे और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने लगे। उन्हें रोका गया तो उन्होंने विवाद खड़ा कर दिया।”
नौडियाल का आरोप है कि ये लोग प्राथमिक शिक्षक भर्ती को रोकने का दबाव बना रहे थे।
🎙️ महिला का पक्ष – “फोन छीना, जमीन पर पटका और हाथापाई की”
दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में नजर आ रही महिला पत्रकार — एक न्यूज पोर्टल की संचालक सीमा रावत ने नौडियाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि,
“मैं डीएलएड अभ्यर्थियों के अभिभावकों और निदेशक की मीटिंग को कवर करने पहुंची थी। बातचीत के दौरान नौडियाल अचानक गुस्सा हो गए, उन्होंने मेरा फोन छीना और जमीन पर पटक दिया। मेरे साथ धक्का-मुक्की भी की गई।”
सीमा रावत ने बताया कि वह प्रेस से हैं और अपने पेशेगत दायित्व के तहत वहां मौजूद थीं।
🏛️ आगे क्या?
घटना के बाद से वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और लोग दोनों पक्षों पर अपनी राय दे रहे हैं।
शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी इसे अनुशासनहीनता की घटना मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल के रूप में देख रहे हैं।
फिलहाल, उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है और मामले की जांच की संभावना जताई जा रही है।
देहरादून के इस विवाद ने न केवल प्राथमिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि सरकारी दफ्तरों में संवाद और संवेदनशीलता की कितनी कमी है। अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग इस झगड़े को सिर्फ “हंगामा” मानकर टाल देता है या निष्पक्ष जांच की दिशा में कदम उठाता है।
