
इंडिगो फ्लाइट में जबरदस्त टर्बुलेंस: पत्रकार अलहमरा खान समेत 172 यात्रियों की सांसें थमीं, लेकिन सभी सुरक्षित
लखनऊ |
सहारा समय न्यूज़ नेटवर्क की प्रमुख संवाददाता अलहमरा खान एक भयावह अनुभव से गुज़रीं जब वह गोवा से लखनऊ लौट रही थीं। यह यात्रा इंडिगो की एक नियमित फ्लाइट में थी, लेकिन उड़ान भरते ही मौसम ने अचानक करवट ली।
टेक-ऑफ के कुछ ही देर बाद विमान को तेज़ और खतरनाक टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। फ्लाइट संख्या 6E-XXX (फ्लाइट नंबर उपलब्ध नहीं था) में कुल 172 यात्री सवार थे, जो झटकों के कारण डर और अफरातफरी में आ गए। कुछ क्षणों के लिए ऐसा लगा मानो विमान नियंत्रण खो बैठा हो — केबिन में चीख-पुकार मच गई, कई यात्री प्रार्थना करते और रोते हुए देखे गए।
जॉली (अलहमरा खान) मेरी दोस्त हैं.. सहारा समय न्यूज़ नेटवर्क की प्रिंसिपल कॉरेस्पोंडेंस हैं.. गोवा से लखनऊ आ रही थीं. इंडिगो की फ्लाइट से.. टेक ऑफ के बाद जोरदार टर्बुलेंस हुआ. विमान को हवा में जबरदस्त झटके लगे. फ्लाइट में 172 यात्री थे.. सबमें चीख पुकार मच गई.. लगा जैसे अब नहीं… pic.twitter.com/haazdRNYKI
— Vivek K. Tripathi (@meevkt) June 16, 2025
“मौत जैसे महसूस हुई” – अलहमरा खान
विमान में मौजूद पत्रकार अलहमरा खान, जो कि पेशे से एक तेज-तर्रार रिपोर्टर हैं, खुद इस पल से इतनी विचलित हो गईं कि उन्होंने टर्बुलेंस के दौरान एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें वह घबराहट में रोती हुई दिखीं। उन्होंने बाद में बताया, “ऐसा लगा जैसे अब ज़िंदा लौटना मुश्किल है… एक पल को लगा कि हमारी ज़िंदगी अब यहीं खत्म हो जाएगी।”
उनकी प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर भी भावनात्मक हलचल पैदा की, जहां कई लोगों ने उनकी हिम्मत को सलाम किया और ईश्वर का आभार जताया कि फ्लाइट सुरक्षित रूप से लखनऊ एयरपोर्ट पर लैंड कर गई।
बीते हादसों की याद ताज़ा
यह घटना हाल ही में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (अहमदाबाद-लंदन) में हुई खतरनाक टर्बुलेंस की याद दिलाती है, जहां बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में दर्जनों यात्री घायल हुए थे। हालांकि, इंडिगो फ्लाइट में ऐसा कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ और सभी यात्री सुरक्षित रहे।
आवश्यक कार्रवाई और समीक्षा की ज़रूरत
हालांकि इंडिगो एयरलाइंस की ओर से अभी तक कोई विस्तृत आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम की घटनाएं अब उड़ानों के लिए एक नया खतरा बन चुकी हैं। ऐसे मामलों में फ्लाइट क्रू की तत्परता और प्रोफेशनलिज़्म ही यात्रियों की सुरक्षा का सबसे अहम आधार है।
अलहमरा खान और उनके सहयात्रियों की सुरक्षित वापसी निश्चित ही राहत की बात है, लेकिन यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि आधुनिक हवाई यात्रा भी पूरी तरह अप्रत्याशित खतरों से मुक्त नहीं है। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह सभी यात्रियों को हमेशा सुरक्षित रखे।
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