
देश का सबसे बड़ा वेतन घोटाला? NDTV की रिपोर्ट में 230 करोड़ की सरकारी लूट का पर्दाफाश!
भोपाल: मध्य प्रदेश में सामने आया है एक ऐसा वेतन घोटाला, जिसने पूरे सरकारी तंत्र की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। NDTV की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में करीब 230 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है, जिसे विशेषज्ञ अब तक का सबसे बड़ा ‘सैलरी स्कैम’ मान रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 50,000 ‘घोस्ट कर्मचारी’—यानी ऐसे कर्मचारी जिनका रिकॉर्ड सरकारी सिस्टम में मौजूद है, लेकिन धरातल पर उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है—पिछले छह महीनों से वेतन नहीं ले रहे थे। यह संख्या राज्य की कुल सरकारी कर्मचारियों की संख्या का लगभग 9 प्रतिशत बताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, इन फर्जी कर्मचारियों के नाम पर हर महीने करोड़ों रुपये के वेतन बिल पास किए गए, और यह पैसा सरकारी खजाने से निकलकर निजी जेबों में पहुंचता रहा। विशेषज्ञों ने इसे एक सुनियोजित ‘पे-रोल स्कैम’ करार दिया है, जिसमें सिस्टम में जानबूझकर फर्जी नाम जोड़े गए और फिर उन पर वेतन जारी किया गया।
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद राज्य सरकार और प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। कई उच्च अधिकारियों की भूमिका जांच के घेरे में आ चुकी है, और यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले की CBI या ED जांच की सिफारिश की जा सकती है।
विपक्ष ने इसे लेकर मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोला है और पूछा है कि जब हजारों घोस्ट कर्मचारी सिस्टम में पंजीकृत थे, तो आखिर प्रशासन क्या कर रहा था?
अगर जांच में ये आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो यह मामला देश के सबसे बड़े सरकारी घोटालों में दर्ज हो सकता है, जहां जनता का टैक्सपेयर्स का पैसा इस तरह बेदर्दी से लूटा गया।
फिलहाल मामला गर्म है और राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक में नाराजगी और अविश्वास का माहौल है। NDTV की इस रिपोर्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पत्रकारिता जब सवाल पूछती है, तो सत्ता की नींव हिल सकती है।