टीवी की मीठी मुस्कान चली गई तबस्सुम पत्रकार भी थीं तबस्सुम का अर्थ होता है मीठी मुस्कान। सिने अभिनेत्री,मशहूर टीवी एंकर और पत्रकार तबस्सुम सत्तर-अस्सी के दशक के टेलीविजन की मीठी मुस्कान थीं। मौजूदा दौर में टीवी की मुस्कुराहट पहले ही फीकी पड़ चुकी थी और अब तबस्सुम भी दुनिया छोड़ कर चली गईं। 78 […]Read More
Category :
अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आईएनजेएफ की संगोष्ठी संपन्न, भारत-नेपाल के दर्जनों पत्रकार-साहित्यकार हुए सम्मानित राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर भारत और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास अवस्थित मधुबनी जिले के जयनगर में पत्रकारीय-साहित्यिक संगोष्ठी आयोजित की गई। जानकीदेवी गौड़ीशंकर सर्राफ महिला महाविद्यालय जयनगर में आयोजित इस कार्यक्रम में मधुबनी, सुपौल, सीतामढ़ी, […]Read More
मजीठिया की पिच पर दैनिक जागरण क्लीन बोल्ड, देना होगा 57 कर्मियों को ब्याज समेत 21 करोड़ मजीठिया वेजबोर्ड की कानूनी लड़ाई के मैदान पर स्वर्गीय एआर हरीश शर्मा की तैयार पिच पर कर्मियों के मजबूत इरादों, एआर राजुल गर्ग की दमदार पारी और ऐन टाइम पर रविंद्र अग्रवाल की दस्तावेज मांगने की सुझाव रूपी […]Read More
कलियर। पिरान कलियर थाने में जावेद निवासी कलियर ने तेहरीर देकर बताया कि वो हज हाउस रोड़ रैनबसेरे के पास रेडी ठेला लगाकर पराठा वगैरा बेचता है।उस के पास कई महीने से इदरीस नाम का एक व्यक्ति आता है जो अपने आप को टीवी 24 का पत्रकार बताकर कई महीनों से पैसो की मांग कर […]Read More
पत्रकार बना हत्यारा पहले की प्रेमिका की हत्या, फिर करदी लापता होने की शिकायत दर्ज महाराष्ट्र। पुणे में पुलिस ने एक पत्रकार को प्रेमिका के हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, अगस्त महीने में महिला पत्रकार गुम होने की शिकायत आरोपी ने दर्ज कराई थी। इसके बाद से ही […]Read More
तथाकथित पत्रकार का अद्भुत कारनामा, बार बालाओं के साथ होटल में ठुमके (देखे वीडियो)
अद्भुत तथकथित पत्रकार का अद्भुत कारनामा,बार बालाओं के साथ होटल में ठुमके रुड़की। पिरान कलियर थाना क्षेत्र में रेडी ठेला लगाकर खाना बेचने वाले एक व्यक्ति ने पत्रकार पर शोषण करने का आरोप लगाकर तहरीर दी है जावेद निवासी कलियर का कहना है कि खुद को पत्रकार बताकर कई महीने से मेरी रेडी ठेले से […]Read More
बांदा जिले के छोटे से नरैनी कस्बे से निकलकर जिला मुख्यालय और फिर राष्ट्रीय राजधानी में कलम का लोहा मनवाने वाले अरुण खरे ने संक्षिप्त बीमारी के बाद आज दुनिया को अलविदा कह दिया। गोरे थे सो देखने मे बिल्कुल अंग्रेज लगते थे। बाजदफे लोग धोखा भी खा जाते थे। पाठा के जंगलों में सूखे […]Read More