• March 19, 2024

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अपनी भड़ासकहासुनी

पत्रकार से पंगा महँगा पड़ा शाहरूखखान को कुछ घंटे हवालात में गुजारने पड़े थे।

कभी बॉक्स ऑफिस के बादशाह कहलाने वाले अभिनेता शाहरुख खान को हिंदी सिनेमा में कदम रखे 30 साल पूरे हो गए हैं। 25 जून 1992 को उनकी पहली फिल्म ‘दीवाना’ रिलीज हुई थी। इन तीस साल में शाहरुख खान ने जिंदगी के तमाम उतार चढ़ाव देखे। उनके घर मन्नत के सामने अब भी हर रोज […]Read More

इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकहासुनी

उत्तराखंड में कवरेज कर रहे पत्रकारों और महिला पुलिस कर्मी की नोकझोंक

लालकुआं। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा गौला रोड रेलवे क्रॉसिंग के नीचे से निकलने वाली बाइकों के खिलाफ चलाए गए धरपकड़ अभियान के दौरान हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता की गाड़ी छोड़ने को लेकर व्यापार मंडल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट द्वारा उक्त कार्रवाई का संचालन कर रही महिला उपनिरीक्षक से गाड़ी छोड़ने को कहने के दौरान हुई […]Read More

अपनी भड़ास

तथाकथित पत्रकार व फर्जी फिल्म निर्देशक से बच कर रहना

सनोज मिश्रा ..फिल्म निर्देशक…जरा बच कर रहें फाइनेंसर ? इस फर्जी फिल्म निर्देशक से बच कर रहना। रेडक्लाइज हो चुका यह तथाकथित फिल्म निर्देशक तमाम फिल्मों में फाइनेंसरों का पैसा फंसा कर अपना उल्लू सीधा कर चुका है और विगत कुछ सालों से लगातार इस तरह की कोशिशों में है कि हिन्दू-मुसलमान के नाम पर […]Read More

अपनी भड़ास

एनडीटीवी के पत्रकार सौरभ शुक्ला से सीखो पत्रकारिता करना

इसे कहते हैं पत्रकारिता एनडीटीवी के पत्रकार सौरभ शुक्ला के प्रति हम सबको खुलकर सम्मान प्रकट करना चाहिए। सौरभ ने अथक परिश्रम कर सहारनपुर के मुस्लिम युवकों की थाने में पिटाई की उन बातों का खुलासा किया जिसे वहां के एसपी (सिटी) लगातार छिपा रहे थे, आईपीएस अफसर होने के बावजूद लगातार झूठ बोल रहे […]Read More

खास ख़बरमीडिया पे फैसले

टीवी मीडिया का नफरती माहौल चैनल शुरू होने से पहले ही बंद हो गया।

दंगे सौहार्द बढ़ाते हैं ! फ्री वाली फ्रीलांसिंग के दौरान बेरोज़गारी का दौर चल रहा था। नौकरी की तलाश के दौरान अर्से बाद सुनने में आया कि शुरू होने जा रहे एक न्यूज़ चैनल में नौकरी के लिए इंटरव्यू हो रहा है। यहां सोर्स-सिफारिश के बिना योग्यता के आधार पर पत्रकारों की भर्तियां होनी थी। […]Read More

श्रद्धांजलि

क्राइम रिपोर्टिंग के सुपर किंग विश्वजीत दादा नहीं रहे

क्राइम रिपोर्टिंग के सुपर किंग विश्वजीत दादा नहीं रहे लखनऊ के सभी प्रतिष्ठित अंग्रेजी अख़बारों में क्राइम रिपोर्टिंग की लम्बी पारी खेलने वाले दिग्गज पत्रकार विश्वजीत घोष का निधन हो गया। वो कल तक अपने कार्यालय पायनियर आए थे, आज हार्ट अटैक पड़ा जिसके बाद उन्हें मेदांता अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उन्हें मृत […]Read More

श्रद्धांजलि

मऊरानीपुर का खजाना लुट गया लेखक वल्लभ सिद्धार्थ नहीं रहे

मऊरानीपुर का खजाना लुट गया वल्लभ सिद्धार्थ नहीं रहे। यह तो नहीं कहा जा सकता कि वे अचानक चले गए। पिछले 1 वर्ष या उससे अधिक समय से वे खुद को मृत्यु के स्वागत के लिए तैयार कर रहे थे। सुनने की शक्ति कमजोर हो गई थी, लेकिन उन्होंने मशीन नहीं लगाई। देखने की शक्ति […]Read More

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